बसपा मुखिया मायावती ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछड़ा होने पर सवाल उठाया है.
महागठबंधन पर जातिवादी होने के प्रधानमंत्री के आरोप को मायावती ने हास्यास्पद बताया है.
उन्होंने पूछा कि जो जातिवाद से पीड़ित हैं वो कैसे जातिवादी हो सकते हैं?
"पूरा देश जानता है कि वो जन्म से ओबीसी नहीं हैं, उन्होंने जातिवादी उत्पीड़न नहीं झेला है. इसलिए उन्हें महागठबंधन के बारे में ऐसा झूठ नहीं बोलना चाहिए."
मायावती ने कहा कि मोदी ज़बरदस्ती पिछड़ा बनकर जातिवाद का खुलकर अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करते हैं.
उन्होंने पूछा, "वे अगर जन्म से पिछड़े होते तो क्या आरएसएस उन्हें कभी भी पीएम बनने देता?"
भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि कांग्रेस नेता जानबूझकर गंदी-गंदी टिप्पणियां कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य है कि कांग्रेस 1984 दंगों में मारे गए परिवारों को न्याय नहीं दिला पाई. दंगा कराने वाले जो लोग थे उनको ये लोग सम्मान दे रहे हैं.
गडकरी ने कहा, ''इनकी पीढ़ियां गरीबी हटाओ की बात करती रही, लेकिन गरीबी हटी नहीं. अब राहुल जी भी वही बात कह रहे हैं, तो इनकी विश्वनियता कहां हैं? ये न्याय नहीं है, आज तक हुए अन्याय की बात है''.
नितिन गडकरी ने कहा कि विपक्ष चुनावी मुद्दों से भटका रही है.
उन्होंने कहा, ''कांग्रेस ने परफॉर्मेंस और कार्य चुनाव का मुद्दा न बने, इसके लिए विपक्ष दो बातों पर चुनाव को लेकर गये. पहला दलितों, माइनॉरिटी, एससी-एसटी के मन में डर पैदा करना और दूसरा विकास के जो काम 50 साल में नहीं हुए और 5 साल में हुए, उस पर चर्चा न करके जानबूझकर गंदी-गंदी टिप्पणियां करना.''
कांग्रेस के नेता संजय निरूपम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब से की है.
वाराणसी में पत्रकारों से बात करते हुए संजय निरूपम ने कहा, "नरेंद्र मोदी दरअसल औरंगज़ेब के आधुनिक अवतार हैं."
उन्होंने कहा, "बनारस में कॉरिडोर के नाम पर जिस तरह मोदीजी के इशारे पर सैकड़ों मंदिरों को तुड़वाया गया और जिस तरह बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए 550 रुपये की फ़ीस लगाई गई है, वो इस बात का सबूत है कि जो काम औरंगज़ेब नहीं कर पाया वो नरेंद्र मोदी कर रहे हैं."
संजय निरूपम ने कहा कि 'कभी औरंगज़ेब मंदिरों को तोड़ने के लिए आया तो उसे यहां के लोगों ने बचाया. औरंगज़ेब ने जजिया कर लगाया और हिंदुओं पर अत्याचार किया तो हिंदुओं ने विरोध किया था.'
उन्होंने कहा, "जो हिंदू हित की बात करेगा वो हिंदुस्तान पर राज करेगा की बात करने वाले नरेंद्र मोदी मंदिरों को तोड़ रहे हैं और दर्शन के लिए जजिया कर लगा रहे हैं, ऐसे आधुनिक औरंगज़ेब की मैं निंदा करता हूं."
ट्विटर पर लोग संजय निरूपम के इस विवादित बयान की निंदा कर रहे हैं तो कुछ लोग उनके समर्थन में उतर आए हैं.
'चौकीदार चोर है' टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफ़ी मांगी है.
राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में तीन पेज का ताज़ा हलफ़नामा दायर किया.
इसमें कहा गया है कि राहुल गांधी की सीधे या परोक्ष रूप से न्यायिक प्रक्रिया में दखल देने की कोई मंशा नहीं थी.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कोर्ट के हवाले से अपनी ग़लतबयानी पर बिनाशर्त माफ़ी मांगी.
राहुल गांधी ने कोर्ट से कहा है कि उनकी माफ़ी को स्वीकार किया जाए और अवमानना की इस कार्रवाई को बंद किया जाए.
राहुल गांधी ने एक चुनावी सभा में कहा था कि 'अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है कि चौकीदार चोर है.'
महागठबंधन पर जातिवादी होने के प्रधानमंत्री के आरोप को मायावती ने हास्यास्पद बताया है.
उन्होंने पूछा कि जो जातिवाद से पीड़ित हैं वो कैसे जातिवादी हो सकते हैं?
"पूरा देश जानता है कि वो जन्म से ओबीसी नहीं हैं, उन्होंने जातिवादी उत्पीड़न नहीं झेला है. इसलिए उन्हें महागठबंधन के बारे में ऐसा झूठ नहीं बोलना चाहिए."
मायावती ने कहा कि मोदी ज़बरदस्ती पिछड़ा बनकर जातिवाद का खुलकर अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करते हैं.
उन्होंने पूछा, "वे अगर जन्म से पिछड़े होते तो क्या आरएसएस उन्हें कभी भी पीएम बनने देता?"
भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि कांग्रेस नेता जानबूझकर गंदी-गंदी टिप्पणियां कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य है कि कांग्रेस 1984 दंगों में मारे गए परिवारों को न्याय नहीं दिला पाई. दंगा कराने वाले जो लोग थे उनको ये लोग सम्मान दे रहे हैं.
गडकरी ने कहा, ''इनकी पीढ़ियां गरीबी हटाओ की बात करती रही, लेकिन गरीबी हटी नहीं. अब राहुल जी भी वही बात कह रहे हैं, तो इनकी विश्वनियता कहां हैं? ये न्याय नहीं है, आज तक हुए अन्याय की बात है''.
नितिन गडकरी ने कहा कि विपक्ष चुनावी मुद्दों से भटका रही है.
उन्होंने कहा, ''कांग्रेस ने परफॉर्मेंस और कार्य चुनाव का मुद्दा न बने, इसके लिए विपक्ष दो बातों पर चुनाव को लेकर गये. पहला दलितों, माइनॉरिटी, एससी-एसटी के मन में डर पैदा करना और दूसरा विकास के जो काम 50 साल में नहीं हुए और 5 साल में हुए, उस पर चर्चा न करके जानबूझकर गंदी-गंदी टिप्पणियां करना.''
कांग्रेस के नेता संजय निरूपम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब से की है.
वाराणसी में पत्रकारों से बात करते हुए संजय निरूपम ने कहा, "नरेंद्र मोदी दरअसल औरंगज़ेब के आधुनिक अवतार हैं."
उन्होंने कहा, "बनारस में कॉरिडोर के नाम पर जिस तरह मोदीजी के इशारे पर सैकड़ों मंदिरों को तुड़वाया गया और जिस तरह बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए 550 रुपये की फ़ीस लगाई गई है, वो इस बात का सबूत है कि जो काम औरंगज़ेब नहीं कर पाया वो नरेंद्र मोदी कर रहे हैं."
संजय निरूपम ने कहा कि 'कभी औरंगज़ेब मंदिरों को तोड़ने के लिए आया तो उसे यहां के लोगों ने बचाया. औरंगज़ेब ने जजिया कर लगाया और हिंदुओं पर अत्याचार किया तो हिंदुओं ने विरोध किया था.'
उन्होंने कहा, "जो हिंदू हित की बात करेगा वो हिंदुस्तान पर राज करेगा की बात करने वाले नरेंद्र मोदी मंदिरों को तोड़ रहे हैं और दर्शन के लिए जजिया कर लगा रहे हैं, ऐसे आधुनिक औरंगज़ेब की मैं निंदा करता हूं."
ट्विटर पर लोग संजय निरूपम के इस विवादित बयान की निंदा कर रहे हैं तो कुछ लोग उनके समर्थन में उतर आए हैं.
'चौकीदार चोर है' टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफ़ी मांगी है.
राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में तीन पेज का ताज़ा हलफ़नामा दायर किया.
इसमें कहा गया है कि राहुल गांधी की सीधे या परोक्ष रूप से न्यायिक प्रक्रिया में दखल देने की कोई मंशा नहीं थी.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कोर्ट के हवाले से अपनी ग़लतबयानी पर बिनाशर्त माफ़ी मांगी.
राहुल गांधी ने कोर्ट से कहा है कि उनकी माफ़ी को स्वीकार किया जाए और अवमानना की इस कार्रवाई को बंद किया जाए.
राहुल गांधी ने एक चुनावी सभा में कहा था कि 'अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है कि चौकीदार चोर है.'
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